साइखोम मीराबाई चानू जीवन परिचय, Tokyo ओलिंपिक में भारत को रजत पदक
साइखोम मीराबाई चानू एक भारतीय खिलाड़ी है जिन्होंने हाल ही टोकयो ओलंपिक्स 2021 में इंडिया को वेटलिफ्टिंग में पहला सिल्वर मैडल दिलवाकर गौरवान्वित किया है. भारत सरकार ने भी इन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया है, जो कि एक बहुत बड़ा सम्मान है. मीराबाई इंडिया में मणिपुर की रहने वाली है.
साइखोम मीराबाई चानू जीवन परिचय :-
नाम | साइखोम मीराबाई चानू |
जन्म तारीक | 8/8/1994 |
उम्र | 24 साल |
रहवासी | मणिपुर |
धर्म | हिंदू |
पेशा | खिलाड़ी |
खेल | वेट लिफ्टिंग |
वर्ग | 48 किलोग्राम |
लम्बाई | 4 फिट 11 इंच |
गोल्ड | 2 |
सिल्वर | 1 |
कोच | कुंजरानी देवी |
साइखोम मीराबाई चानू जन्म :-
मीराबाई चानू का जन्म मणिपुर के इम्फाल में हुआ. यह मणिपुर के पूर्व में स्थित है. इनकी जन्म 8 अगस्त 1994 है. इनकी उम्र मात्र 23 साल है. इनकी शिक्षा भी यही से शुरू हुई .
साइखोम मीराबाई चानू कोच :-
वेट लिफ्टिंग में मीरा की कोच कुंजरानी देवी है जो खुद भी वेट लिफ्टिंग में एक भारतीय खिलाड़ी है. कुंजरानी भी इम्फाल मणिपुर की ही रहने वाली है.
साइखोम मीराबाई चानू वर्ल्ड रिकार्ड्स :-
- मीराबाई एक महिला वेट लिफ्टर है, जिन्होंने साल 2017 में हुई वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 48 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड मैडल हासिल किया था. इसके पहले साल 2014 में भी इन्होने ग्लासगो में संपन्न हुए कॉमन वेल्थ गेम्स में भी 48 किलोग्राम वर्ग में सिल्वर मैडल जीता था.
- इस वर्ष 2018 में भी इन्होने कॉमन वेल्थ गेम्स में गोल्ड हासिल कर इंडिया को पहला गोल्ड दिलवाया. यह गोल्ड भी महिलाओं की 48 किलोग्राम वेट लिफ्टिंग में है.
- मीराबाई का चयन 2016 में संपन्न रिओ ओलिंपिक में भी हुआ था, परंतु दुर्भाग्यवश वे इस दौरान इंडिया के लिए कोइ मैडल नहीं ला पाई थी .
- इन्होने साल 2016 में गुवाहाटी में संपन्न हुए बारहवे साउथ एशियन गेम्स में भी गोल्ड मैडल हासिल किया था.
मीरा बाई के अलावा आज सुबह गुरुराजा ने भी वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मैडल हासिल कर भारत का नाम रोशन किया. इस वर्ष साल 2018 में यह कॉमन वेल्थ गेम्स 4 अप्रैल से शुरू हुए और 15 अप्रैल तक चलेंगे. इस खेल में पुरुष वर्ग में 115 और महिला वर्ग में कुल 105 खिलाडी इस दौरान विभिन्न खेलों में हिस्सा लेंगे और इंडिया का प्रतिनिधित्व करेंगे. साल 2014 में हुए कॉमन वेल्थ गेम में इंडिया ने कुल 15 गोल्ड, 30 सिल्वर और 19 कस्य पदक जीते थे.