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पी .वी सिंधु का जीवन परिचय PV Sindhu BIOGRAPHY Tokyo ओलंपिक 2021

पुसर्ला वेंकट सिंधु ओलंपिक गेम्स में हमारे देश भारत का नाम ऊँचा करने वाली बेटियों में से एक उभरता हुआ नाम हैं प्रोफेशनल बैडमिंटन प्लेयर पी. वी. सिंधु. ने टोक्यो ओलंपिक्स 2021  में शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीता और भारत का नाम रोशन किया।

पी वी सिंधु का जीवन परिचय :-

नाम पुसर्ला वेंकट सिंधु
जन्म 5 जुलाई, 1995
जन्म स्थान हैदराबाद, तेलंगाना, भारत
पिता का नाम पी. वी. रमण ( पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ी )
माता का नाम पी. विजया ( पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ी )
भाई बहन एक बहन पी. वी. दिव्या
कॉलेज सेंट एन्न्स कॉलेज फॉर वोमेन, मेह्दीपटनम ( MBA Pursuing )
पेशा अंतर्राष्ट्रीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी
कोच पुलेला गोपीचंद
सर्वोत्तम स्थान 9
वर्तमान स्थान 10

 

पी. वी. सिंधु प्रशिक्षण एवं कोच :-

सिंधु ने बैडमिंटन सीखने की शुरुआत सिकंदराबाद में इंडियन रेल्वे इंस्टिट्यूट ऑफ़ सिग्नल इंजीनियरिंग एंड टेलीकम्यूनिकेशन में मेहबूब अली की देखरेख में की. इसके बाद उन्होंने पुलेला गोपीचंद की बैडमिंटन अकादमी में दाखिला लिया. उनके कोच पुलेला गोपीचंद के अनुसार, “सिंधु के व्यक्तित्व की सबसे खास बात यह हैं, कि वे कभी भी हार नहीं मानती और कोशिश करती रहती हैं.

पी. वी. सिंधु करियर :-

वर्ष 2009

कोलोंबो में आयोजित सब – जूनियर एशियन बैडमिंटन चैंपियनशिप में सिंधु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ( कांस्य ) मेडलिस्ट रहीं.

वर्ष 2010

ईरान फज्र इंटरनेशनल बैडमिंटन चैलेंज में सिंगल्स केटेगरी में उन्होंने सिल्वर मैडल जीता. इसी वर्ष मेक्सिको में आयोजित जूनियर वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में सिंधुक्वार्टर फाइनल तक पहुँची. वर्ष 2010 में ही वे उबर कप में वे इंडियन नेशनल टीम की टीम मेम्बर भी थी.

वर्ष 2012 

  • 14 जून, 2012 को जर्मनी की Juliane Schenk से इंडोनेशिया ओपन में हार का सामना करना पड़ा.
  • 7 जुलाई, 2012 को उन्होंने जापानी खिलाड़ी Nozomi Okuhara को फाइनल में हराया और एशिया यूथ अंडर 19 चैंपियनशिप जीती.
  • चाइना मास्टर सुपर सीरीज़ टूर्नामेंट में लंदन 2012 में चाइना की ओलंपिक्स गोल्ड मेडलिस्ट Li Xuerui को हराकर सबको चौंका दिया.
  • इस वर्ष वे अपने खेल प्रदर्शन के द्वारा अपने करियर की बेस्ट रेंकिंग 15 पर पहुँच गयी थी.

वर्ष 2013 

  • इस वर्ष सिंधु ने चाइनीज़ खिलाड़ी Wang Shixian को वर्ल्ड चैंपियनशिप में हराया और भारत की वोमेन्स सिंगल की पहली मेडलिस्ट बनी.
  • अपने बेहतरीन खल प्रदर्शन के लिए उन्हें इस वर्ष भारत सरकार द्वारा अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया.

वर्ष 2014 

Glasgow Commonwealth Games में वोमेन्स सिंगल में सेमीफाइनल स्टेज तक पहुँचने के बाद वे हार गयी.

वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में लगातार 2 मैडल जीतने पर उन्होंने इतिहास रच दिया और वे ऐसी पहली भारतीय बनी.

वर्ष 2015 

  • नवंबर, 2015 में मकाऊ ओपन ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड में अपना तीसरा वोमेन्स सिंगल्स जीता.

वर्ष 2016 

  • इस वर्ष की शुरुआत में ही अर्थात् जनवरी, 2016 में मलेशिया मास्टर्स ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड वोमेन्स सिंगल जीता.
  • प्रीमियर बैडमिंटन लीग में चेन्नई समशेर टीम की सिंधु कप्तान बनी और 5 मैच जीते और टीम को सेमीफाइनल में पहुँचाया, परन्तु यहाँ उनकी टीम देल्ही एसर्स से हार गयी.
  • अपने क्वार्टर फाइनल मैच में उन्होंने विश्व की नंबर 2 खिलाड़ी Wang Yihan को हराया.
  • 18 अगस्त, 2016 को 2016 समर ओलंपिक्स में जापान की Nozomi Okuhara को वोमेन्स सिंगल में हराया.
  • सिंधु ने सिल्वर मैडल जीता और वे देश की सबसे कम उम्र वाली मैडल विजेता खिलाड़ी बनी.

पी. वी. सिंधु राष्ट्रीय सम्मान :-

  • पद्म श्री, द यूथ हाईएस्ट सिविलियन अवार्ड ऑफ़ इंडिया (वर्ष 2015),
  • अर्जुन अवार्ड (2013)
  • सन 2016 में सिन्धु बैडमिंटन खेल में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए के लिए राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया था.

पी. वी. सिंधु अन्य सम्मान :-

  • FICCI ब्रेकथ्रू स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ़ द ईयर 2014,
  • NDTV इंडियन ऑफ़ द ईयर 2014,
  • वर्ष 2015 में मकाऊ ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने के बाद बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया की ओर से 10 लाख रूपये दिए गये.
  • वर्ष 2016 में मलेशिया मास्टर्स में जीतने के बाद बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया की ओर से 5 लाख रूपये दिए गये ( वर्ष 2016 के रिओ ओलंपिक में जीतने पर )
  • ओलंपिक पार्टिसिपेंट के रूप में क्वालीफाई करने पर अभिनेता सल्मान खान की ओर से 01 लाख रूपये प्रदान किये गये.

पी. वी. सिंधु जन्म, एवं परिवार :-

पुसर्ला वेंकट सिंधु का जन्म 5 जुलाई, 1995 को हुआ. उनके पिता का नाम पी. वी. रमण हैं और उनकी माता पी. विजया हैं. उनके माता और पिता दोनों ही हमारे देश के पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ी रह चुके हैं. उनकी एक बहन भी हैं, जिसका नाम पी. वी. दिव्या हैं. वर्ष 2000 में उनके पिता पी. वी. रमण को उनके खेल के लिए अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया था.

 

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